नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सब दोस्तों Sindhi culture को एक Sindhi से आछा कौन बता सकता है दोस्तों मैं Sindhi culture से belong करती हूं दोस्तों आज मैं आपको बताऊगी कि आखिर Sindhi culture क्या है सिंधियों का भारत में आगमन किस प्रकार हुआ तथा Sindhi culture के इष्ट देव झूलेलाल का जन्म किस तरह हुआ .
जाने Sindhi culture के बारे में
माना जाता है कि Sindhi एक जाती है और इस जाति के लोग शुरुआत से ही Sindhu में रहते थे भारत और पाकिस्तान के बंटवारे से पहले से ही Sindhi जाति के सभी लोग Sind में मिलजुल कर रहते थे भारत पाकिस्तान के बंटवारे के समय लोगों में उथल-पुथल मची हुई थी और इसी के तहत Sind में रहने वाले कई Sindhi भारत चले आए भारत में जब सिंधियों का आगमन हुआ तो वे भारतीयों के भाषा से अनजान थे परंतु समय के साथ उन्होंने यहां आकर सब सीख लिया तथा भारत में अपना कारोबार भी स्थापित किया .
“सिंधियों के इष्ट देव झूलेलाल को माना जाता है आइए झूलेलाल की जन्म की रोचक बातें जानने की कोशिश करें “
झूलेलाल देव का जन्म

कहा जाता है कि कई वर्षों पहले सिंधु में एक राजा हुआ करता था जिसका नाम meerak Shah था ऐसा मानना है कि वह राजा वहां के लोगों पर बहुत ही अत्याचार करता था अत्याचारों से परेशान होकर वहां के सभी लोगों ने सिंध नदी के किनारे जाकर प्रार्थना करने की सोची और वै सभी जाकर सिंधु नदी के किनारे बैठ गए और प्रार्थना करने लगे कड़ी प्रार्थना के बाद सिंध नदी से वरुणदेव जल पति के रूप में एक मछली के ऊपर बैठकर प्रकट हुए तभी आकाशवाणी हुई थी कि मेरा अवतार होगा कुछ समय बाद
ठाकुर भाई रतन राय के घर माता देवकी की कोख से उपजा बालक सभी की कामना पूरी करेगा यह आकाशवाणी सच हुई और चैत्र शुक्ल 2 संवत 1007 को बालक का जन्म हुआ जिसका नाम उदय चंद रखा गया यह बात सुनकर राजा meerak Shah क्रोधित हो गए और बालक उदय चंद को मारने के लिए राजा खुद ही आ पहुंचे परंतु जब उस बालक ने मुंह खोला तो उसके मुंह में सारा ब्रह्मांड दिखाई दिया यह देखकर राजा meerak Shah बौखला गए और उस बालक के चरणों में जा गिरे वही बालक बड़े होकर झूलेलाल कहलाए भगवान झूलेलाल को उदय रो लाल उदय चंद आदि नामों से भी जाना जाता है झूलेलाल को जल और ज्योति का अवतार माना गया है
सिंधियों द्वारा मनाए जाने वाले मुख्य उत्सव
हिंदुस्तान में रहने वाले सिंधियों का धर्म हिंदू है और पाकिस्तान में रहने वाले सिंधियों का धर्म मुसलमान है Sindhi जाति का वर्णन सारस्वत ब्राह्मण माना जाता है सिंधियों का मुख्य प्रसाद मीठे चावल माना जाता है Sindhi स्वयं का व्यवसाय करना पसंद करते हैं और इसलिए उन्होंने भारत में कई सारे कारोबार भी स्थापित किए हैं.
सिंधियों का खान पान
जिस दिन भगवान उदयरो लाल का जन्म हुआ हर वर्ष उस दिन को सभी Sindhi चेत्री चंद्र के रूप में मनाते हैं इस दिन सभी Sindhi झूलेलाल देव की पूजा करते हैं एवं झांकी भी निकालते हैं इस त्यौहार को सभी बहुत धूमधाम से मनाते हैं इसके साथ सभी Sindhi Thadadi नामक त्यौहार को भी बहुत धूमधाम से मनाते हैं यह त्यौहार रक्षाबंधन के सातवें दिन मनाया जाता है कहां जाता है कि मोहनजोदड़ो की खुदाई के समय एक मूर्ति मिली थी जो शीतला माता की थी सिंधियों के स्थान पर माता शीतला के मूर्ति मिलने से सभी Sindhi बहुत प्रसन्न हुए और Sindhi भी माता शीतला की पूजा धूमधाम से करते हैं Thadadi के दिन से कोई भी Sindhi अपने घर में चूल्हा नहीं जलाते उस दिन में शीतला माता की पूजा करते हैं और ठंडा खाना खाते हैं यह सिंधियों का प्रमुख त्यौहार है .
दोस्तों sindhi जाति के लोग भी आमतौर पर बाकी लोगों की तरह ही साधारण व्यंजन ही खाते हैं परंतु उनके खान-पान में कुछ दिलचस्प व्यंजन भी होते हैं जिन्हें सिंधी लोग बहुत पसंद करते हैं आइए जानते हैं और व्यंजनों और उनकी विधि के बारे में उन व्यंजनों के बारे में ताकि आप भी यह स्वादिष्ट व्यंजन का मजा ले सके .
चावल आटे की रोटी

दोस्तों सिंधियों में चावल आटे की रोटी को बड़े चाव से खाया जाता है तो आज हम जान लेते हैं कि यह कैसे बनता है यह डिश बनाने में बहुत ही सरल है तो चलिए दोस्तों आज हम जानेंगे कि यह कैसे बनता है इसके लिए हमें यह सामग्री चाहिए –
- चावल का आटा 2 कप
- एक बारीक कटा प्याज
- एक बारीक कटा टमाटर
- हरा धनिया हरी मिर्ची स्वादानुसार
ऐसे बनाएं चावल आटे की रोटी
सबसे पहले एक बाउल में एक बारीक कटा प्याज एक बारीक कटा टमाटर हरा धनिया और मिर्ची स्वादानुसार डाल दे तथा थोड़ा नमक भी डाल दे उसके बाद दो कप चावल आटा उसमें डालें और थोड़ा पानी डाल ले और अच्छे से गूंथ लें अब इसका लोई बना ले और रोटी के आकार में बेलकर तवे में सेक ले लो बन गया आपका Sindhi चावल आटे की रोटी इसे आप हरी चटनी के साथ भी खा सकते हैं.
सिंधी कोकी

दोस्तों सिंधियों की सबसे फेमस डिस सिंधी कोकी को माना जाता है तो आइए देख लेते हैं यह कैसे बनाया जाता है इसके लिए हमें यह सामग्री लगेगी –
- गेहूं का आटा
- एक कप बेसन
- एक कटा प्याज
- कटी हरी मिर्च
- नमक स्वाद अनुसार मिर्च स्वादानुसार
- जीरा स्वाद अनुसार
- आधा कप धनिया
- काली मिर्च स्वादानुसार
- आधा कप पीसा हुआ अनार का दाना
- तलने के लिए तेल
- थोड़ा सा घी
सिंधी कोकी ऐसे बनाएं
एक बाउल में गेहूं का आटा ले उसमें थोड़ा सा बेसन मिला ले और थोड़ा सा तेल डालकर अच्छे से मिला लें उसके बाद इसमें कटी हरी मिर्ची नमक स्वादानुसार काली मिर्च स्वादानुसार कटा प्याज और आधा कप धनिया आधा कप पिसा हुआ आनर डालकर अच्छे से मिला लें आप इसमें तोडा सा जीरा भी दाल सकते है यह मिश्रण को तोडा सा पानी दाल कर गूथ ले और एक तवे में तोडा सा घी डालकर सेक ले लो बन गया आपका सिंधी कोकि हम सिंधिया इसे बहुत सारे सब्जियों के साथ भी खाते हैं.
